गठिया को Jad से खत्म Karne के लिए Kya करें? जान लिजिए गठिया बाई का इलाज

गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए पतंजलि की बेस्ट दवा

Gathiya Ko Jad Se Khatm Karne Ke Liye Kya Kare?
Gathiya Ko Jad Se Khatm Karne Ke Liye Kya Kare?


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आज के इस Gathiya Ko Jad Se Khatm Karne Ke Liye Kya Kare? ब्लॉग पोस्ट में हम बात करने वाले हैं, पतंजलि की गठीया रोग की दवा के विषय में। जो गठीया के दर्द से राहत देने का काम करेगी और आप की गठीया की समस्या भी दूर हो जायेगी। गठीया एक ऐसे गंभीर बिमारी हैं जिसमे हड्डीया और जोडो में बेहद दर्द होता हैं, और ये दर्द ज्यादातर मोटे और गठिया के लिए सबसे प्रभावी दवा के उपर के लोगो को होता हैं। अगर यह गठिया बाय का दर्द की दवा आपको नहीं चाहिए तो आप अपने फॅमिली मेम्बर्स को जरूर शेयर करे क्यूकी उन्हे इन गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें? ओ की जरूरत जरूर होगी।

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गठिया बाई रोग को जड़ से खत्म करने की आयुर्वेदिक दवा


1. दिव्य आमवातारि रस के फायदे

दिव्य आमवातारि रस का उपयोग ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज करने के लिए किया जाता है। दिव्य आमवातारि रस रस बनाने के लिए शुद्ध पारादी, शुद्ध गंधक, त्रिफला, चित्रक मूल, शुद्ध गुग्गुल और अरंडी के तेल जैसी जडी-बुटीयो का उपयोग किया जाता हैं। पतंजलि दिव्य आमवातारि रस में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सुजन को कम करने में भी मदद करते हैं।

इसमे प्राकृतिक रुप से कैल्शियम भी होता हैं, जिससे हड्डीयो को मजबुती मिलती हैं। दिव्य आमवातारि रस दवा जोडो के दर्द से राहत दिलाती हैं और लचिलेपण में सुधार करती हैं। इसके सेवन से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ भी मल के माध्यम से निकल जाते हैं।

2. पुनर्नवादि मंडूर के फायदे

पुनर्नवादि मंडूर आई गठीया के रोग में बहुत आराम मिलता हैं। पुनर्नवादि मंडूर अधिकतर दर्शन और सुजन में उपयोग की जाती हैं, गठीया के रोग में दर्द और सुजन में ये पुनर्नवादि मंडूर बहुत फायदेमंद माना गया हैं। इसमे पुनर्नवा और मंडुर खासकर मिला हुवा हैं, और इसमे और भी काफी औषधी का इस्तेमाल किया गया हैं, जैसे सौंठ, पीपल मिर्च इत्यादी।

3. दिव्य ऑर्थोग्रिट टेबलेट के फायदे

गठीया का इलाज करने के लिए पतंजलि की दवा दिव्य ऑर्थोग्रिट टेबलेट भी बोहत फायदेमंद हैं। यह दवा गठीया, क्रोनिक अर्थरायटीस और सुजन में उपयोग की जाती हैं। इसके अलावा यह दवा हड्डीया और मांसपेशियों में मोच आने पर भी उपयोगी हो सकती हैं। ऑर्थोग्रीट की दवाईया 20 से आधीक जडी-बुटीयो से बनी होती हैं।

4. दिव्य सिंहनाद गुग्गुल के फायदे

दिव्य सिंहनाद गुग्गुल दवा क्रोनिक गठीया और रुमेटाईड अर्थरायटीस के इलाज में उपयोगी होती हैं। इसके अलावा यह पैरालिसिस स्ट्रोक में भी असरदार साबित हो सकती हैं। आयुर्वेद में इस दिव्य सिंहनाद गुग्गुल दवा का उपयोग सभी प्रकार के वात रोगो के लिए किया जाता हैं।

इस दवा में बहेड़ा का फल, हरड़ फल, आंवला, शुद्ध गंधक, अरंडी का तेल व शुद्ध गुग्गुल जैसी जड़ी-बूटियां मिली हुई हैं। दिव्य सिंहनाद गुग्गुल का उपयोग मासिक धर्म से संबंधित समस्याओ को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता हैं। यह मूत्रवर्धक होती हैं साथ हि रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाओ को भी बढाती हैं।

5. दिव्य लाक्षादि गुग्गुल के फायदे

आयुर्वेद में हड्डी से संबंधित समस्याओ का इलाज करने के लिए दिव्य लाक्षादि गुग्गुल का उपयोग किया जाता हैं। दिव्य लाक्षादि गुग्गुल दवा हड़जोड़ लता, अर्जुन की छाल, अश्वगंधा और शुद्ध गुग्गुल जैसी जडी-बुटीयो से बनाई जाती हैं। इसमे कैल्शियम, विटामीन और मिनरल भरपूर मात्रा में होता हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को ठीक करने के लिए इस दिव्य लाक्षादि गुग्गुल दवा को सबसे बेस्ट माना जाता हैं। इसका उपयोग बोन डेंसिटी, फ्रॅक्चर और जोडो के दर्द को ठीक करने के लिए किया जाता हैं। इस दवा के सेवन से हड्डीयो के उतको को पोषण मिलता हैं और इससे हड्डीयो की समस्या जल्दी ठीक हो जाती हैं।

6. दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु के फायदे

दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु गठीया के इलाज में कारगर होता हैं, इसके अलावा इस दवा का उपयोग साईटीका और नसो में दर्द होणे पर भी किया जा सकता हैं। आयुर्वेद में दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु को सभी तरह के वात रोगो में इस्तेमाल किया जाता हैं। इसके अलावा यह दवा महिलाओ की समस्याओ का इलाज करने में भी असरदार होती हैं।

यह सबसे सुरक्षित दवा हैं, अगर हते सही तरिके से इस्तेमाल किया जाये तो इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। इस दवा में रसना, बबूल की फली, गोक्षुरादि, निशोथ (काला), अश्वगंधा, गिलोय, अजवाइन, शुद्ध गुग्गुलु और शतावरी जैसी जैसी जडी-बुटीयो के मिश्रण से बनाई जाती हैं। गठीया के इलाज के लिए इस दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु दवा की 2-2 खुराक सुबह और शाम को ली जाती हैं।


उपर आपने देखा Gathiya Ko Jad Se Khatm Karne Ke Liye Kya Kare? अब हम आपको बतायेंगे गठीया बाई को ठीक करने के लिए क्या किया जाता हैं? गठीया एक ऐसी बिमारी हैं जो जोडो में सुजन और दर्द का कारण बनती हैं। हलाकी इसें पुरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो सकता हैं, लेकिन कुछ उपायो से दर्द और सुजन को कम किया जा सकता हैं और जीवन कीं गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता हैं:-

गठिया को मैनेज करने के लिए उपाय:-


दवाएं:-

डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाये लेना बहुत जरुरी हैं, इन दवावो में दर्द निवारक, सुजन कम करने वाली और रोग प्रतिरोधक दवाये शामिल हो सकती हैं।

व्यायाम:-

नियमित व्यायाम जोडो को लचीला बनाये रखने और मान्स्पेशियो को मजबूत बनाने में मदद करता हैं। हलके व्यायाम जैसे तैराकी, साईकील चलाना और वोकिंग करना फायदेमंद हो सकता हैं।

वजन नियंत्रण:-

अधिक वजन जोडो पर दबाव बढाता हैं इसलिए स्वस्थ वजन बनाये रखना जरुरी हैं।

गर्म और ठंडे सेक:-

सुजन वाले जोडो पर गर्म और थंडे सेक लगाने से आराम मिल सकता हैं।

आहार:-

संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमे vitamin और खनिज भरपूर मात्रा में हो। ओमेगा 3 फैटी इसीद से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अखरोट और फ्लैक्ससीड सुजन कम करने मर मदद कर सकते हैं।

योग और ध्यान:-

योग और ध्यान तणाव कम करने और शरीर को आराम देणे में मदद करते हैं जो गठीया के दर्द को कम करने मर मदद कर सकते हैं।

एड्स:-

जोडो को सहारा देणे के लिए ब्रेसेस या कैन का उपयोग किया जा सकता हैं।

पर्याप्त नींद:-

पर्याप्त निंद लेणे से शरीर को ठीक होणे का समय मिलता हैं।

कब डॉक्टर को दिखाएं:-

अगर आपको जोडो में तेज दर्द, सुजन या लालिमा हो रही हैं।
अगर जोडो में गती कम हो रही हैं।
अगर दवाये लेणे के बाद भी दर्द कम नही हो रहा हैं।

ध्यान रखें:-

गठीया एक पुराणी बिमारी हैं, इसलिए इसें पुरी तरह से ठीक कारण मुश्किल हो सकता हैं। उपचार के लियर डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से गठीया के लक्षनो को कम किया जा सकता हैं और जीवन कीं गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता हैं। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर या किसी योग्य स्वस्थ विशेशज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

Disclaimer:-

यह जानकारी केवळ सूचना के उद्देश से दि गई हैं और इसें किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नही लिया जाना चाहिए। किसी भी बिमारी के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह ले।
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