कान बजने (Tinnitus) Ka Ayurvedic Ilaj in Hindi
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टिनिटस का आयुर्वेदिक इलाज करने से पहले यह जान लेते हैं की यह टिनिटस कब होता हैं, यह जब आप अपने एक या दोनो कानो में घंटी बजते या अन्य शोर का अनुभव करते हैं। जब आपको टिनिटस होता हैं तो आप जो शोर सुनते हैं वह किसी बाहरी आवाज के कारण नहीं होता हैं और अन्य लोग आमतौर पर इसे नहीं सून सकते हैं। टिनिटस एक आम समस्या हैं यह लगभग 15% से 20% लोगो को प्रभावित करता हैं और विशेष रुप से वृद्ध वयस्को में आम बिमारी हैं। इसी बात को देखते हुए आज हमने आपके लिए Tinnitus Ka Ayurvedic Ilaj in Hindi का लेख लिखा हैं, तो चलिए पढते हैं।
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5 Best Ayurvedic Medicines for Tinnitus in Hindi
1. लहसुन
ठंडे मौसम में अक्सर कान में टिनिटस की समस्या हो ही जाती हैं। ऐसे में लहसून का उपयोग करने से खून का संचार बढता हैं और इसके एंटी बैक्टेरियल गुण टिनिटस की समस्या से निजात दिलाती हैं। तील के टेल में 2 लहसून की कलियो को कुचलकर डाले और इसे धिमी आंच पर थोडी देर तक गर्म करे ठंडा होने पर इसके 2 से 3 बुंदे कान में डाले। रोज रात में सोने से पहले ये प्रयोग जरूर करे।
2. एप्पल सिडर विनेगर
एप्पल सिडर विनेगर में एंटी फंगल और दर्द निवारक गुण होते हैं जो इसका उपयोग संक्रमण से होने वाले टिनिटस कव उपचार में भी किया जाता हैं। ये शरीर में एल्केलाइन लेवल को नियंत्रित रखता हैं। 1 ग्लास पाणी में 2 चम्मच एप्पल सिडर विनेगर और 1 चम्मच शहद मिलाकर रोज दिन में 2 से 3 बार पिये जब तक टिनिटस की समस्या दूर नहीं हो जाती हैं।
3. तुलसी
टिनिटस के उपचार के लिए तुलसी एक रामबाण औषधी हैं, क्यूकी इसके एंटी बैक्टेरियल गुण कान में टिनिटस के लिए उत्तरदायी बैक्टेरिया को मारणे में मदद करता हैं। 1 ब्लेडर में तुलसी की पत्तीयो को लेकरं पीस ले फिर इसे पतले कपडे से छानकर इसका रस निकाल ले। अब इस रस को हल्का गरम करके इसकी 2 से 3 बुंदे दिन में 2 बार कान में डाले।
4. अदरक
अदरक अपने दर्द निवारक और कई औषधीय गुणो के लिए जानी जाती हैं। ये शरीर में खून का बहाव सही रखता हैं और प्री रेडिकल्स से बचाता हैं। साथ ही इसका दर्द निवारक गुण टिनिटस की वजह से होने वाले कान दर्द में आराम दिलाता हैं। आधा चम्मच कटा हुआ अदरक 1 कप पाणी में 10 मिनटं तक उबाले और इसे छानकर इसमे 1 चम्मच शहद मिलाकर पिने से आराम मिलता हैं। कच्चे अदरक का टुकडा चबाने से कान पर दबाव पडता हैं और टिनिटस से आराम होता हैं।
5. जिंकगो
टिनिटस के उपचार में जिंकगो एक बेहतर औषधी हैं। अक्सर हाईब्लड प्रेशर के कारण भी कानो में शोर होने लगता हैं। जिंकगो खून के बहावं को सामान्य करने में मदद करता हैं और कान में होने वाली आवाज को कम करने में मदद करता हैं। इस हर्ब में एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं जो कान में किसी संक्रमण की वजह से होने वाले टिनिटस की समस्या से निजात दिलाता हैं। रोज 3 से 4 बुंदे जिंकगो के रस को पाणी में डालकर दिन में 3 बार पिने से कुछ ही Weeks में टिनिटस से आराम मिल जाता हैं। ध्यान रहे की जिंकगो को बच्चों को नहीं देना चाहिए।
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