गांठ का रामबाण इलाज: गले की गांठ को कैसे ठीक करें?
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गले की गांठ का आयुर्वेदिक इलाज करने से इसे जान लेना भी जरुरी हैं की गले में गांठ क्यूँ होती हैं। गले में इन्फेकशन या स्किन एलर्जी होने पर गर्दन में गांठ की समस्या हो सकती हैं। ये बैक्टीरियल और फंगल इन्फेकशन के कारण भी हो सकती हैं, या फिर साफ सफाई सही न रहने पर भी हो सकती हैं। गले में गांठ की समस्या का ध्यान देना बेहद जरुरी हैं क्यूकी यह किसी गंभीर बिमारी का संकेत हो सकता हैं। हालाकी अधिकतर मामलो में ये गांठ खतरनाक नहीं होती हैं और कुछ Gale Ki Ganth Ka Ayurvedic Ilaj के जरीये ठीक की जा सकती हैं।
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गले कि गांठ के लक्षण / कारण और आयुर्वेदिक इलाज
गले कि गांठ के लक्षण क्या हैं?
- गर्दन या गले में दर्द
- वजन घटना
- 50 साल की उम्र के बाद अचानक उपस्थिती
- निगलने में दिक्कत होणा
- मनस्पेशी में कमजोरी
गले की गांठ के कारण क्या हैं?
- शरीर में आयोडीन की कमी
- गले में सुजन
- नोड्स की उपस्थिती या कॅन्सर में एक सामान्य वृद्धी
गले की गांठ का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें?
आयुर्वेदिक इलाज में गले की गांठ के लिए कई प्रकार के Gale Ki Ganth Ka Ayurvedic Ilaj और औषधीया उपलब्ध हैं। यह उपचार व्यक्ती की प्रकृती, स्थिती और गांठ के कारणो पर निर्भर करती हैं। कृपया ध्यान दे की आपको इन गले की गांठ का आयुर्वेदिक इलाज का उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से बातचीत करना बेहत जरुरी हैं।
1. गले की गांठ के लिए चारकोल के फायदे
चारकोल इन्फेकशन कम करने में मदद करता हैं। गर्दन की गांठ के लिए चारकोल और फ्लैक्स सीड्स को पिसकर पाणी मिलाकर गाढा पेस्ट बना ले और दिन में 2 बार गांठ वाली जगह पर लगाकर आधे घंटे के लिए छोड दे। कुछ ही दिनो में ये समस्या ठीक हो सकती हैं।
2. गले की गांठ के लिए तरबूज के फायदे
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरीगुणो से भरपूर टरबूज खून को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता हैं। गर्दन की गांठ की समस्या में इसके सेवन से बैक्टीरिया खत्म होते हैं और सूजन धीरे-धीरे ठीक हो जाती हैं। इसके लिए नियमित रुप से टरबूज के रस को पिने की सलाह दि जाती हैं।
3. गले की गांठ के लिए लहसुन के फायदे
एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणो से भरपूर लहसून हमारे शरीर के ली काफी फायदेमंद होती हैं। ये गले में गांठ की भी समस्या को ठीक करने में मदद करती हैं। इसके साथ ही लहसून एक डिटॉक्सिफिकेशन एजेंट हैं जिसके चलते दर्द में आराम मिलता हैं। इसके लिए 1 ग्लास गर्म पाणी में लहसून और काली मिर्च पिसकर डाल दे और उसे पी जाये। या फिर गांठ वाली जगह पर एलोवेरा और लहसून का पेस्ट तैयार कर ले। इससे भी गले की गांठ का आयुर्वेदिक इलाज करके ठीक किया जा सकता हैं।
4. गले की गांठ के लिए पपीते का पेस्ट के फायदे
पपीता हमारे पेट से जुडी समस्याओ के लिए काफी फायदेमंद होता हैं। गले की गांठ म भी ये लाभकारी माना गया हैं। इसमे एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, साथ ही विटामीन-A भी मौजुद होता हैं जो गांठ को दूर करणार में मदद करता हैं। गांठ को ठीक करने के लिए पपीते का पेस्ट तैआयर कर ले और प्रभावित जगह पर लगा कर आधे घंटे के लिए छोड दे और उसके बाद इसे धोकर सुखा ले। कुछ ही दिनो में ये समस्या ठीक होने लगेगी।
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Health Tips